शबाना आजमी


शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की मंझी हुई अभिनेत्री हैं, वो खुद को हर किरदार के अनुरूप ढाल लेती हैं। उन्होंने करीब 4 दशक तक हिंदी सिनेमा जगत पर राज किया और अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं। वह आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। शबाना आजमी हिंदी सिनेमा के मशहूर लेखक, संगीतकार जावेद अख्तर की पत्नी हैं। शबाना आजमी के जन्मदिन पर हम लाए हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ महत्‍वपुर्ण तथ्‍य..

शबाना आजमी का जन्म 18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में हुआ था। इनका घर का नाम था मुन्नी। पिता कैफी आजमी मशहूर शायर, कवि थे। मां का नाम शौकत आजमी था, जो कि मशहूर थिएटर आर्टिस्ट थीं। उनके माता-पिता दोनों ही कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ इंडिया के सदस्‍य थे। मां से उन्‍हें अभिनय-प्रतिभा विरासत में मिली।

 उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई क़्वीन मैरी स्कूल मुंबई से की तथा सेंट जेवियर कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक किया है। शबाना ने अभिनय का कोर्स फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिटीयूट ऑफ इंडिया, पुणे से किया है।

 शबाना आजमी ने श्याम बेनेगल की फिल्म 'अंकुर' से साल 1974 में डेब्यू किया था। कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए शबाना डायरेक्टर की पहली पसंद नहीं थी, लेकिन उस वक्त की सभी हीरोइनों ने इस रोल को करने के लिए मना कर दिया था जिसके बाद यह किरदार शबाना आजमी ने निभाया।

 'अंकुर' फिल्म सफल हुई और आजमी को पहली फिल्म के लिए 'नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस' से नवाजा गया था। शबाना आजमी ने जया बच्चन से प्रेरित होकर फिल्म इंडस्ट्री में आने का फैसला किया था।

कभी शबाना आजमी का शशि कपूर पर क्रश था। शशि के पिता शबाना आजमी के पड़ोसी थे। वो अपने पिता से मिलने आया करते थे तभी एक दिन शबाना आजमी ने शशि कपूर का एक तस्वीर पर ऑटोग्राफ भी ले लिया था। जावेद अख्तर से शादी से पहले शबाना आजमी का नाम फिल्म मेकर शेखर कपूर के साथ भी जुड़ चुका है। बेंजामिन गिलानी से तो उनकी सगाई भी हो चुकी थी।

जावेद अख्तर कैफी आजमी से लिखने की कला सीखते थे। तभी शबाना आजमी की जावेद अख्तर से पहली बार मुलाकात हुई थी, उस वक्‍त वह पहले से ही शादीशुदा थे। उनकी शादी हनी ईरानी से हो चुकी थी। बाद में जावेद ने तलाक लेकर शबाना से 9 दिसंबर 1984 को शादी कर ली।'

शबाना आजमी के पेरेंट्स इस शादी के लिए राजी नहीं थे। पहली पत्नी से जावेद अख्तर के दो बच्चे हैं फरहान अख्तर और जोया अख्तर। शबाना का इन दोनों से अच्छा रिलेशनशिप है।

शबाना आजमी ने फिल्म 'वॉटर' के लिए अपने सर के बाल भी मुंडवा लिए थे । हालांकि फिल्म उस वक्त नहीं बन पाई और बाद में इस फिल्म की पूरी कास्ट ही बदल गई थी। शबाना आजमी ने फिल्म 'फायर' में लेस्बियन का किरदार निभाया था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सनसनी मचा दी थी।


उन्होंने पांच बार नेशनल फिल्म अवार्ड जीता। 1975 में 'अंकुर', 1983 में 'अर्थ', 1984 में 'खंडहर', 1985 में 'पार' और 1999 में 'गॉडमदर'। वहीं उन्हें पांच बार फिल्म फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। फिल्मों में उनके शानदार योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री भी मिल चुका है।

वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी खास पहचान बना चुकी हैं। खासतौर पर बच्चों से जुड़े मसलों और एड्स से जुड़े मुद्दों पर बेहद सक्रिय रहती हैं। सांप्रदायिकता के खिलाफ कई प्ले में इन्होंने भाग लिया। 

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